MOTIVATIONAL STORY | अंदर की शांति महसूस होगी ये कहानी देखकर | HINDI MOTIVATION
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि समय से ज्यादा महंगी भावनाएं होती हैं जो ना समझे उन पर खर्च मत किया करो नमस्ते दोस्तों मैं हूं आर्ज कार्तिक एक बड़ी छोटी सी कहानी है और यह कहानी है गुरुजी की जो हर सुबह गंगा तट पर स्नान करने के लिए जाते थे उसके बाद अपने शिष्यों को प्रवचन दिया करते थे अपने रूटीन को फॉलो करते हुए गंगा नदी में स्नान किया उसके बाद आकर के सुबह-सुबह शिष्यों को प्रवचन दे रहे थे तभी उन्हें जोर-जोर से किसी के चिल्लाने की आवाज आने लगी पलट कर के देखा तो पीछे दूर एक परिवार के सदस्य आपस में झगड़ा कर रहे थे बहस कर रहे थे जोर जोर से चिल्ला रहे थे जबकि पासपास ही खड़े थे तो गुरु जी ने सोचा कि आज इसी बात पर जो है बात की जाए तो उन्होंने अपने एक शिष्य से पूछा कि बताओ यह लोग पासपास ही खड़े हैं एक ही परिवार के हैं साथ रहते हैं प्यार भी इनमें होगा लेकिन अभी जब गुस्सा कर रहे हैं लड़ाई कर रहे हैं तो चिल्ला क्यों रहे हैं गुस्से में लोग चिल्लाते क्यों हैं तो शिष्य ने कहा कि गुरु जी गुस्सा आ गया गुस्से में कैसे अपने गुस्से को प्रकट करें इसलिए चिल्ला चिल्ला के प्रकट कर रहे हैं गुरुजी उसके जवाब से संतुष्ट दूसरे ने जवाब दिया कि गुरुजी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं कंट्रोल ही नहीं रहा इमोशंस पर इसलिए चिल्ला रहे हैं गुरुजी को वह जवाब पसंद नहीं आया बहुत सारे शिष्य ने अपने अपने तरीके से जवाब दिया लेकिन गुरुजी को पसंद नहीं आया तो उन्होंने फिर खुद से उत्तर दिया उन्होंने कहा सुनो और समझो एक ही परिवार के लोग हैं साथ रहते होंगे प्यार होगा इनमें लेकिन अभी जब बहस आ गई है गुस्सा हो रहा है तो ऐसी सिचुएशन में चिल्ला रहे हैं जबकि पासपास खड़े हैं क्रोध में इंसान पास होने पर भी चिल्लाता इसलिए है क्योंकि सामने वा वाले से उसके दिल की दूरी बढ़ जाती है यह खड़े तो पास हैं लेकिन इनके दिल बहुत दूर जा चुके हैं और क्या होता है जब इंसान दूर खड़ा होता है हम चिल्ला कर के बात करते हैं तो बस इनके दिलों में दूरियां बढ़ चुकी हैं इसीलिए जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं तुमने देखा है उन लोगों को जिनमें प्रेम होता है वह बहुत धीमी आवाज में बात करते हैं जब प्रेम प्रगा हो जाता है तो फुस फुसा कर के बात कर लेते हैं और जब प्रेम और प्रगा हो जाता है तो कुछ कहने की जरूरत नहीं होती शब्द बोलने की भी जरूत नहीं होती इशारों इशारों में बात हो जाती है कई बार तो सिर्फ आंखों से बात हो जाती है जहां प्रेम होता है वहां चिल्लाने की आवश्यकता नहीं होती है दिलों की दूरियां बढ़ जाएंगी तो हमेशा चिल्लाना ही पड़ेगा छोटी सी कहानी का सार यह समझाता है कि अगली बार जब गुस्सा आए तो मंत्र याद रखिए चिल्लाओ मत चिल्लाना बंद कीजिए क्योंकि आप ऐसा करके अपने दिलों की दूरियों को बढ़ा रहे हैं हो सकता है किसी बात पर बहस हो जाए आपको गुस्सा आ जाए सामने वाले से आपका थॉट मैच ना करे लेकिन इतनी भी दूरी मत बढ़ने दीजिए कि चिल्लाने की आवश्यकता पड़े और इतनी ज्यादा दूरी ना बढ़ जाए कि आप चिल्लाते रहे और फिर आपकी आवाज भी पहुंचना सामने वाले तक बंद हो जाए मुझे एक इंसिडेंट याद आता है एक मैडम का जिन्होंने शेयर किया मेरे साथ वो कहती हैं कि मेरे पति बात-बात में गुस्सा करते थे सुबह-सुबह ऑफिस जा रहे हैं तो मोजे कहां रखे हैं रुमाल कहां रखा है चिल्ला रहे थे एक दिन मौजे कहां है मेरे मैंने लाकर के दे दिए रुमाल कहां है मैंने लाकर दे दिया कहने लगे टिफिन कहां है मेरा टिफिन लाकर के दे दिया फिर उन्हें रिलाइज हुआ कहने लगे मैं इतनी देर से गुस्सा कर रहा हूं तुम पर फर्क नहीं पड़ रहा है तो मैंने उन्हें उत्तर देते हुए कहा कि गुस्सा आपका है आप कर रहे हो फर्क आपको पड़ना चाहिए उस दिन पूरे दिन व गलानी में रहे गिल्ट में रहे ऑफिस से मुझे कॉल करते रहे मैसेज करते रहे मनाने की कोशिश करते रहे और बाद में उन्होंने रिलाइज किया कि बात-बात में गुस्सा करने जैसी बात भी नहीं है आजकल हम लोगों को बहुत गुस्सा आने लगा है बात-बात में हम फ्रस्ट्रेट होने लगे हैं इस कहानी को याद रखिए आपकी बहुत मदद करेगी एक बार फिर से वही बात कर दिखाओ को जैसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा पढ़ते रहिए
आर्टिकल को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
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